AABTAK KHABAR,10 DECEMBER,हावड़ा: हावड़ा नगर पालिका के निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल आज से पांच साल पहले समाप्त हो गया। तब से, हावड़ा नगर पालिका लगातार पांच वर्षों तक प्रशासनिक परिषद के हाथों में रही है। इसके विरोध में रविवार को हावड़ा नगर निगम के गेट के सामने लोकतंत्र की पांचवीं बरसी मनाई गयी। बीजेपी प्रवक्ता उमेश राय के साथ कार्यकर्ताओं ने केक काटकर इस कार्यक्रम का जश्न मनाया।

ज्ञात हो कि हावड़ा नगर पालिका में तृणमूल प्रबंधित बोर्ड का कार्यकाल 10 दिसंबर 2018 को समाप्त हो गया था। उसके बाद, विभिन्न कानूनी जटिलताओं के कारण आगे कोई चुनाव नहीं हुआ। विकास के हित में, बाली नगर पालिका को 2015 में हावड़ा नगर पालिका में सम्मिश्रण कर दिया गया था। फिर 2018 के बाद राज्य सरकार ने बाली नगर पालिका को फिर से हावड़ा नगर पालिका से अलग करने के लिए विधानसभा में एक नया विधेयक पारित किया। लेकिन तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस बिल पर सहमति नहीं दी। नतीजा ये हुआ कि चुनाव अटक गया। राज्य सरकार ने बाली नगर पालिका और हावड़ा नगर पालिका में भी अलग से मतदान कराने की पहल नहीं की। इसके बजाय, प्रशासनिक परिषद को कई चरणों में स्थापित किया गया था। वर्तमान में, हावड़ा नगर पालिका के रखरखाव के लिए प्रशासनिक परिषद जिम्मेदार है। वहीं विपक्षी पार्टियों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। पिछले कुछ सालों में वे वोट की मांग को लेकर कई बार हावड़ा नगर पालिका का घेराव कर चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके विरोध में उन्होंने हावड़ा नगरपालिका के गेट के सामने केक काटकर लोकतंत्र की हत्या दिवस मनाया।

एक तरफ बीजेपी का आरोप है कि हावड़ा के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है और उन्हें नगरपालिका सेवाओं से भी वंचित किया जा रहा है. आज बिना चुनाव के पांच साल बीत गए। इसी स्थिति का मखौल उड़ाने के लिए बीजेपी की ओर से इस दिन यह कार्यक्रम किया गया। ताकि राज्य सरकार जाग जाये।
उधर, नगर परिषद के चेयरमैन सुजॉय चक्रवर्ती ने कहा कि यही भाजपा का काम और संस्कृति है। जहां लोग केक काटकर जन्मदिन मनाते हैं, वहीं बीजेपी नगरपालिका के सामने केक काट रही है। हावड़ा की जनता जानती है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहर के विकास के लिए जो विकास कार्य किये हैं, उसका जवाब भाजपा को चुनाव के बाद ही मिलेगा।