अबतक खबर संवाददाता : २० जनवरी : दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया के दुष्कर्मी पवन की उस याचिका को खारिज कर दिया है। अब एक फरवरी को लगने वाली फांसी को लेकर रास्ता साफ हो गया है। एपी सिंह ने दलील दी कि पवन के उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी पुलिस ने जानबूझकर छिपाई और साथ ही हाईकोर्ट ने भी तथ्यों को नजरंदाज किया। एपी सिंह ने कहा की वारदात के वक्त पवन की उम्र 17 साल, 1 महीने और 20 दिन थी। ऐसे में वारदात में उसकी भूमिका नाबालिग के तौर पर देखी जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए सोमवार को पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह के उस दावे को खारिज कर दिया।

अब फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है। पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी थी। दोषी पवन के पास अभी भी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प है और यही विकल्प अक्षय सिंह के पास हैं। विनय शर्मा के पास दया याचिका का विकल्प है। दोषी मुकेश के पास कोई विकल्प नहीं बचा। यानी तीन दोषी अभी भी पांच कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।